लेखनी प्रतियोगिता -22-Dec-2022 तनु और उसकी छोटी बहन
देहरादून के एक छोटे से गांव में तनु अपनी छोटी बहन के साथ रहती थी।
तनु के माता पिता के निधन के बाद, घर की सारी ज़िम्मेदारी तनु के सर पर आ गई थी।
तनु देहरादून के विद्यालय में टीचर थी। तनु के पड़ोस में आदित्य नाम का लड़का रहता था।
आदित्य बहुत समझदार सीधा-साधा सुलझा हुआ युवक था। आदित्य का ऑफिस तनु के स्कूल के करीब था। इसलिए वह उन्हीं के साथ सुबह ऑफिस जाता था।
तनु आदित्य बचपन के अच्छे मित्र थे। आदित्य का परिवार तनु और उसकी छोटी बहन को उनके माता-पिता की कभी भी कमी नहीं होने देते थे। आदित्य से तनु को बहुत हिम्मत मिलती थी।
आदित्य तनु मन ही मन एक दूसरे को बहुत चाहते थे, लेकिन अपने प्यार का एक दूसरे के सामने इजहार नहीं करते थे।
तनु का सबसे बड़ा मकसद यह था कि अपनी छोटी बहन को पढ़ा लिखा कर दुनिया में कामयाब बनाना।
अपनी बहन की जिम्मेदारी पूरी करने के बाद वह अपने विषय में कुछ सोचने की सोचती थी।
आदित्य अपने दिल की बात तनु से बार-बार कहना चाहता था, लेकिन उसके मकसद के आगे चुप रहना ही ठीक समझता था।
तनु आदित्य के दिल की बात को समझती थी, लेकिन उसके मन की बात को नजरअंदाज कर देती थी।
जब भी तनु की बहन का जन्मदिन आता था, तो उस दिन वह अपनी छोटी बहन और आदित्य के साथ बाजार में खूब घूमती थी। और शाम को आंगन में बच्चों को इकट्ठा करके केक काटते थे। और सब मिलकर बहुत उत्साह और खुशी से जन्मदिन मनाते थे।
नए साल के समय आदित्य तनु के सामने शादी का प्रस्ताव रख देता है। तनु आदित्य के शादी के प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं देती और चुपचाप वहां से चली जाती है।
दूसरे दिन सुबह आदित्य अपने माता पिता के साथ दिल्ली शहर चला जाता है। आदित्य के जाने के बाद तनु के जीवन में बहुत अकेलापन आ जाता है।
अब जब भी कोई त्यौहार आता था या उसकी छोटी बहन का जन्मदिन आता था। तो तनु को आदित्य की बहुत ज्यादा याद आती थी।
समय के बीतने के साथ तनु के जीवन का मकसद भी पूरा हो जाता है। तनु अपनी बहन को पढ़ा लिखा कर वकील बना देती है।
जब उसकी छोटी बहन वकील बन जाती है, तो तनु उसके लिए एक अच्छे घर का लड़का देखकर शादी का रिश्ता पक्का कर देती है।
शादी से एक दिन पहले तनु की बहन की सहेलियां उसके हाथों में मेहंदी लगाती हैं। जब उसकी छोटी बहन के हाथों में मेहंदी लगती है तो तनु उसे देखकर बहुत खुश होती है। और अपनी जिम्मेदारी पूरी करने पर शांति और सुकून महसूस करती है।
और आदित्य को याद करके सोचती है काश आदित्य भी आज होता तो मेरी खुशी दुगनी हो जाती। इसके बाद उसके मन में विचार आता है कि आदित्य की तो अब तक शादी हो गई होगी।
तभी तनु की छोटी बहन की सहेलियां कहती हैं कि "तनु दीदी आप भी हाथों में मेहंदी लगवा लो।"तनु मन में सोचती है मैं जिसके लिए मेहंदी लगाती जो मेरी इस मेहंदी का रंग देखता वह तो मेरे जीवन चला गया है।
आदित्य के बारे में सोच कर तनु की आंखों से आंसू टपकने लगते हैं।
उसी समय तनु के पीछे से एक आवाज आती है कि "तनु तुम भी मेहंदी लगवा लो।"
तनु जैसे ही पीछे पलट कर देखती है, तो पीछे आदित्य खड़ा हुआ था। और तनु आदित्य के सीने से लग कर खूब रोती है। आदित्य के आने से तनु के जीवन में दोबारा खुशियां आ गई थी।
Gunjan Kamal
23-Dec-2022 11:33 PM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
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Mahendra Bhatt
23-Dec-2022 10:06 AM
Nice 👍🏼
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Punam verma
23-Dec-2022 09:21 AM
Very nice
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